What is Aluminum in Hindi | एल्युमिनियम का इतिहास | एल्युमीनियम के अयस्क | एल्युमिनियम क्या है
What is Aluminum in Hindi – एल्युमिनियम (Aluminum) एक रासायनिक तत्व है जिसे आवर्त सारणी में ‘Al’ से प्रतिष्ठित किया गया है। यह एक धातु है और स्वर्णिम सफेद मेटल का रूप होता है। एल्युमिनियम एक सामान्यत: स्थिर धातु है और इसका प्रयोग विभिन्न उद्योगों, निर्माण, और उपयोगों में होता है।
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यहां कुछ एल्युमिनियम की मुख्य विशेषताएँ हैं:
- लकड़ी की तुलना में हल्का: एल्युमिनियम एक बहुत ही हल्का धातु है, और इसलिए इसका उपयोग विभिन्न उद्योगों, जैसे कि विमानन, कार निर्माण, और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों में होता है।
- धातु का अच्छा संग्रहणक्षमता: एल्युमिनियम का एक महत्वपूर्ण गुण है उसकी अच्छी संग्रहणक्षमता, जिससे इसे बार-बार पुनर्चक्रण किया जा सकता है।
- अच्छी ताप-चालकता: एल्युमिनियम अच्छी ताप-चालकता वाली धातु है, जिससे इसे विभिन्न उद्योगों, जैसे कि उच्च-तापमान उपकरणों और उच्च तापमान स्थानांतरण में उपयोग होता है।
- अच्छा विध्युत चालक: एल्युमिनियम भी एक अच्छा विध्युत चालक है और इसलिए इसका उपयोग विभिन्न विद्युत उपकरणों और तंतु-विद्युत उत्पादों में होता है।
- पर्यावरण के साथ मिलता जुलता है: एल्युमिनियम का पुनर्चक्रण करना प्रदूषण को कम करने में मदद करता है और पर्यावरण के साथ समर्थन करता है।
एल्युमिनियम का उपयोग विभिन्न उद्योगों, जैसे कि विमानन, निर्माण, पैकेजिंग, ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स, और बहुत कुछ में किया जाता है।
एल्युमिनियम का इतिहास – History of Aluminum In Hindi
एल्युमिनियम का इतिहास बहुत रोचक है और इसका खोजना और प्रौद्योगिकीकरण काफी महत्वपूर्ण है। यहां एल्युमिनियम के इतिहास के कुछ मुख्य पहलुओं को देखा जा सकता है:
- धातु की खोज (1825): एल्युमिनियम की पहचान को ज्ञानेश्वर प्रोफेसर ओ. ए. रेशेफोर्ड ने 1825 में किया। उन्होंने एल्युमिनियम को धातु में प्राप्त किया, लेकिन इसे असंतुलित रूप में प्राप्त करना कठिन था।
- असंतुलित रूप में प्राप्ति (1827): अंग्रेजी रसायनज्ञ सर हम्फ्री डेवी ने 1827 में असंतुलित रूप से एल्युमिनियम प्राप्त किया। वे पौधों और मिट्टी से एल्युमिनियम निकालने की प्रयोगशीलता को दिखाने में सफल रहे।
- व्यावसायिक उत्पादन (1886): एल्युमिनियम का व्यावसायिक उत्पादन बैयरन-पॉल्टस प्रक्रिया के आविष्कारक कार्ल हॉल और पॉल हेरौल्ट द्वारा 1886 में किया गया। इस प्रक्रिया में बॉक्साइट (अल्यूमीनियम ओक्साइड का स्रोत) को क्रिप्टोलाइट (फ्लोराइड युक्त एल्यूमिनियम) के साथ विद्युत विद्युत रेखा में गुनगुना करके एल्युमिनियम बनाया जाता है।
- मोल्टेन एल्युमिनियम उद्योग (1888): व्यावसायिक उत्पादन के तुरंत बाद ही, 1888 में चार्ल्स मैरटिन हॉल ने मोल्टेन एल्युमिनियम को उत्पन्न किया, जिससे उन्होंने इसे और भी अधिक उच्च गुणवत्ता वाला बनाया।
- अधिक व्यापक उपयोग (20वीं सदी): 20वीं सदी में एल्युमिनियम का उपयोग और बढ़ गया, और इसे विभिन्न उद्योगों, जैसे कि विमानन, ऑटोमोटिव, निर्माण, पैकेजिंग, और इलेक्ट्रॉनिक्स में अधिक से अधिक उपयोग के लिए लाभकारी माना जाता है।
एल्युमिनियम ने अपनी उपयोगिता, हल्कापन, और धातु की उपस्थिति के कारण आज के उद्योगीकृत दुनिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
एल्युमीनियम के अयस्क
एल्युमीनियम के प्रमुख अयस्क (खनिज स्रोत) निम्नलिखित हैं:
- बॉक्साइट (Bauxite): एल्युमीनियम का प्रमुख स्रोत बॉक्साइट है, जो एक आयरनी बॉक्साइट होती है और इसमें अल्यूमिनियम ओक्साइड (Al₂O₃) पाया जाता है। बॉक्साइट से एल्युमीनियम निकालने की प्रक्रिया को बॉक्साइट क्रिप्टोलाइट प्रक्रिया कहा जाता है।
- क्रियोलाइट (Cryolite): यह एक आयरनी फ्लोरीड मिश्रित खनिज है जो बॉक्साइट क्रिप्टोलाइट प्रक्रिया में एक खास योगदान करता है।
- कॉरंडम (Corundum): कॉरंडम, जो रुबी और सेफायर के रूप में भी जाना जाता है, एक ऑक्साइड खनिज है जिसमें अल्यूमिनियम पाया जाता है।
- गिब्साइट (Gibbsite): यह बॉक्साइट का एक प्रकार है जो हल्की और दरारपनी होती है, और इसे आमतौर पर अल्यूमिनियम उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है।
बॉक्साइट सबसे महत्वपूर्ण और व्यापक एल्युमीनियम का खनिज स्रोत है और इससे एल्युमीनियम बनाने की प्रमुख प्रक्रिया को आगे बढ़ाता है।
एल्युमिनियम की निर्माण प्रक्रिया
एल्युमिनियम की निर्माण प्रक्रिया को “बॉक्साइट क्रिप्टोलाइट प्रक्रिया” या “बॉक्साइट क्रिप्टोलाइट इलेक्ट्रोलाइसिस” कहा जाता है, और यह विद्युत रेखा के माध्यम से होती है। यह प्रक्रिया बॉक्साइट से एल्युमिनियम उत्पन्न करने के लिए सबसे प्रमुख तकनीकी प्रक्रिया है और इसे क्रिप्टोलाइट प्रक्रिया के तौर पर भी जाना जाता है।
यहां बॉक्साइट क्रिप्टोलाइट प्रक्रिया की मुख्य चरणों की सारणी है:
- बॉक्साइट का प्राप्त करना: पहले बॉक्साइट खनिज स्रोतों से प्राप्त किया जाता है, जो आयरनी बॉक्साइट होती है।
- बॉक्साइट को प्रोसेसिंग करना: बॉक्साइट को सोडियम कार्बोनेट और बैयरीम कार्बोनेट के साथ मिश्रित करके सोडियम अल्यूमिनेट (न्यूट्रल एल्युमिनेट सॉल्यूशन) बनाया जाता है।
- अल्यूमिनेट का विद्युतीय अलगाव: न्यूट्रल एल्युमिनेट सॉल्यूशन को विद्युत रेखा के माध्यम से अलगाया जाता है, जिससे एल्युमिनियम और अन्य धातुओं को अलग किया जा सकता है।
- अल्युमिनियम को प्राप्त करना: इस प्रक्रिया में से आउटपुट के रूप में मोल्टेन एल्युमिनियम प्राप्त होता है, जिसे फिर विभिन्न उद्योगों में उपयोग के लिए पुनः संसाधित किया जाता है।
इस प्रक्रिया में, बॉक्साइट को एक सार्वजनिक और अर्थशास्त्रीय तरीके से प्रोसेस किया जाता है ताकि एल्युमिनियम को प्राप्त किया जा सके।
एल्युमिनियम के गुण – Properties of Aluminum In Hindi
एल्युमिनियम के कुछ मुख्य गुण हैं:
- हल्कापन: एल्युमिनियम धातु का सर्वाधिक महत्वपूर्ण गुण है कि यह बहुत हल्का है। इसलिए, इसका उपयोग विभिन्न उद्योगों में वजन कम करने और साधनों को हल्का बनाने के लिए किया जाता है, जैसे कि विमानन, ऑटोमोटिव, और पैकेजिंग।
- अच्छी संग्रहणक्षमता: एल्युमिनियम अच्छी संग्रहणक्षमता वाली धातु है, जिससे इसे पुनर्चक्रण करके बार-बार उपयोग किया जा सकता है।
- अच्छी ताप-चालकता: एल्युमिनियम अच्छी ताप-चालकता वाली होती है, जिससे इसका उपयोग उच्च तापमान वाले उपकरणों और इंजनों में होता है।
- अच्छा विध्युत चालक: एल्युमिनियम अच्छा विध्युत चालक है, जिससे इसका उपयोग विभिन्न विद्युत उपकरणों और तंतु-विद्युत उत्पादों में होता है।
- असीमित पुनर्चक्रण: एक और महत्वपूर्ण गुण है कि एल्युमिनियम को बार-बार पुनर्चक्रण किया जा सकता है, जिससे प्रदूषण कम होता है और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग हो तो भी यह एक सतत साधारिता प्रदान करता है।
- प्रतिरोधकता और सुरक्षा: एल्युमिनियम को धातु के रूप में प्रतिरोधकता और सुरक्षा उपयोगिता के लिए उच्च मानी जाती है, और इसलिए इसका उपयोग निर्माण और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में सुरक्षा और स्थायिता के लिए होता है।
इन गुणों के कारण, एल्युमिनियम एक व्यापक रूप से उपयोगी धातु है और इसका उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जाता है।
एल्युमिनियम के भौतिक गुण | physical properties of aluminum In Hindi
एल्युमिनियम के भौतिक गुण इस प्रकार हैं:
- पदार्थक अंकुश (Atomic Number): 13
- परमाणु भार (Atomic Mass): 26.9815 u
- इलेक्ट्रॉन कॉन्फ़िगरेशन: [Ne] 3s² 3p¹
- क्रिस्टल संरचना (Crystal Structure): बनाया हुआ त्रिकोणीय (Face-Centered Cubic)
- कक्षीय दृढ़ता (Hardness Scale): 2.75 (मोह्स)
- उबाऊल पिघलावन (Melting Point): 660.32 डिग्री सेल्सियस (1220.58 डिग्री फ़ैरनहाइट)
- उबाऊल उबालन (Boiling Point): 2519 डिग्री सेल्सियस (4566.2 डिग्री फ़ैरनहाइट)
- घनत्व (Density): 2.70 ग्राम/सेंटीमीटर (अच्छी संग्रहणक्षमता के कारण हल्के होते हैं)
- विद्युतीय चुम्बकीय सुस्तता (Electrical Conductivity): अच्छी (उच्च विद्युतीय चुम्बकीय सुस्तता होती है)
- उपचारिक गुण (Thermal Conductivity): 237 वॉट/मीटर-केल्विन
- अद्भुत प्रतिरोध (Specific Resistance): 0.0000000085 ओहम-मीटर
- विद्युत परामैग्नेटिज्म (Electrical Paramagnetism): पॉजिटिव
- गैस्ट्रोनॉमी (Abundance): पृथ्वी की खागोलिक समृद्धि में तीनी मात्रा में होता है, लेकिन इसे सर्वाधिक मात्रा में पृथ्वी की कक्षीय तीनी में पाया जाता है।
एल्यूमीनियम के रासायनिक गुण – chemical properties of aluminum In Hindi
एल्युमिनियम के रासायनिक गुण हैं:
- प्रति-परमाणु भार (Atomic Mass): 26.9815 u
- प्रति-परमाणु विधुत संदुष्टता (Electronegativity): 1.61 (पॉलिंग स्केल)
- अभिक्रिया (Reactivity): एल्युमिनियम सामान्यत: अस्थिर होता है, लेकिन यह ऑक्सीजन के साथ रिएक्ट करता है और एक प्रॉटेक्टिव ऑक्साइड लेयर बनाकर खुद को संरक्षित करता है। यह बर्तन बनाने, रेन्ज, फॉइल, और औजारों में उपयोग होता है।
- ऑक्सीडेशन स्थिति (Oxidation State): एल्युमिनियम की सामान्य ऑक्सीडेशन स्थिति +3 होती है, लेकिन यह -4 और +2 स्थितियों में भी पाया जा सकता है।
- वर्ग-धारी (Group Affiliation): एल्युमिनियम 13वीं समूह का हिस्सा है और 3 कार्बन, नाइट्रोजन, और ऑक्सीजन के साथ एक समूह में आता है।
- बनाया हुआ संरचना (Crystal Structure): एल्युमिनियम का क्रिस्टल संरचना बनाया हुआ त्रिकोणीय होता है (Face-Centered Cubic Structure)।
- यौगिक समीकरण (Chemical Equations): एल्युमिनियम का केमिकल संरचना Al है और इसका परमाणु संख्या 13 है। इसकी एक सामान्य रासायनिक समीकरण एल्युमिनियम की ऑक्सीडेशन का स्थान है:4 Al+3 O2→2 Al2O34Al+3O2→2Al2O3यह समीकरण एल्युमिनियम और ऑक्सीजन के बीच रिएक्शन को दर्शाता है, जिससे एल्युमिनियम ऑक्साइड (अल्युमिना) बनता है। अल्युमिना एक प्रॉटेक्टिव ऑक्साइड लेयर बनाती है, जो इसे धातु के दूर टूटने से बचाती है।
एल्यूमीनियम के यांत्रिक गुण – mechanical properties of aluminum In Hindi
एल्युमीनियम के यांत्रिक गुणों में उन्हें शामिल किया जा सकता है:
- विद्युतीय चुम्बकीय सुस्तता (Electrical Conductivity): एल्युमीनियम एक अच्छा विद्युतीय चुम्बकीय सुस्तता धातु है। यह विद्युत समीकरणों में उपयोग होता है, जैसे कि विद्युतीय तार, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, और विद्युतीय अंशों के निर्माण में।
- विद्युतीय चालकता (Thermal Conductivity): एल्युमीनियम का उच्च विद्युतीय चालकता होता है, जिससे इसका उपयोग उच्च तापमान और ताप-परिसंचरण से जुड़े उपकरणों, जैसे कि रेडिएटर्स और हीट एक्सचेंजर्स, में होता है।
- घनत्व (Density): एल्युमीनियम एक हल्का धातु है, जिससे इसका उपयोग हल्के और उत्कृष्ट वजन वाले उपकरणों, जैसे कि विमान, ऑटोमोटिव, और बोट्स, में होता है।
- फुज़्ज़ टेन्चन (Melting Tension): एल्युमिनियम का फ्यूज़्ज़ टेन्चन कम होता है, जिससे इसे आसानी से पिघलाया जा सकता है और इसका पुनर्चक्रण किया जा सकता है।
- उबाऊल पिघलावन (Melting Point): एल्युमिनियम का उबाऊल पिघलावन तापमान 660.32 डिग्री सेल्सियस (1220.58 डिग्री फ़ैरनहाइट) है, जिससे इसे आसानी से पिघलाया जा सकता है।
इन यांत्रिक गुणों के कारण, एल्युमिनियम विभिन्न उद्योगों में अनेक प्रकार के उपकरणों और संरचनाओं के लिए एक लोकप्रिय चयन है।
एल्युमिनियम के उपयोग
एल्युमिनियम का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में होता है, जिसमें निम्नलिखित शामिल है:
- विमानन उद्योग: एल्युमिनियम का हल्कापन और अच्छी संरचनात्मक स्थिति के कारण यह विमान निर्माण में उपयोग होता है। विमानों के ताटों, इंजनों, और अन्य भागों में इसका उपयोग होता है।
- ऑटोमोटिव उद्योग: एल्युमिनियम का उपयोग वाहनों के तत्पर और हल्के बनाने में होता है। इसे कारों के शैल, इंजन ब्लॉक्स, और विभिन्न अन्य भागों की निर्माण में शामिल किया जाता है।
- निर्माण उद्योग: एल्युमिनियम की मजबूती, ताकत, और धातु के हल्के होने के कारण इसका उपयोग निर्माण उद्योग में होता है, जैसे कि इमारतों के ढांचों, झिल्लीयों, और संरचनाएं।
- खाद्य पैकेजिंग: एल्युमिनियम की अच्छी संरचनात्मक स्थिति के कारण, इसे खाद्य पैकेजिंग के लिए उपयोग किया जाता है, जैसे कि आलूमिनियम फॉइल और कैन्स।
- विद्युत उपकरण: एल्युमिनियम की अच्छी विद्युतीय चुम्बकीय सुस्तता के कारण इसे विद्युत उपकरणों, जैसे कि तारों, विद्युत मोटर्स, और ट्रांसफॉर्मर्स में उपयोग किया जाता है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स: एल्युमिनियम का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में समृद्धि, चिप्स, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में होता है।
- आहारिक सामग्री संरचना: एल्युमिनियम का उपयोग आहारिक सामग्री की सुरक्षा और दीर्घकालिक संरचनात्मक स्थिति के कारण होता है।
- चिकित्सा औजारों का निर्माण: एल्युमिनियम का उपयोग कुछ चिकित्सा उपकरणों, जैसे कि सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स और रेंटजन के शैलों में होता है।
- सोलर पैनल: एल्युमिनियम का उपयोग सोलर पैनल की स्थिरता और सामग्री के रूप में होता है।
- विभिन्न उपयोगिता क्षेत्रों में उपयोग: एल्युमिनियम का उपयोग अनेक अन्य क्षेत्रों में भी होता है, जैसे कि रेलवे कार्यक्षेत्र, कस्टम अपारेल, शौचालय सामग्री, और खगोलशास्त्रीय उपकरणों में।
एल्युमिनियम के फायदे
एल्युमिनियम के कई फायदे हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
- हल्कापन: एल्युमिनियम धातु हल्की होती है, जिससे इसका उपयोग हल्के और वजनशील उपकरणों, जैसे कि वाहन, विमान, और सामान्य उपकरणों में होता है।
- रजत संरचना: एल्युमिनियम की संरचना मजबूत होती है और यह धातु अपनी ताकत को बनाए रखने में सक्षम है, जिससे इसका उपयोग निर्माण कार्यों, इमारतों, और विमानन में होता है।
- सुरक्षा: एल्युमिनियम अपनी अप्रतिस्थापित ऑक्साइड परत की वजह से यह ताकती है कि यह न केवल रुग्णता की ओर से सुरक्षित रहता है, बल्कि यह भी किसी प्रकार की जलन, विषाणु, या अन्य प्रदूषण का असर कम करने में सहायक है।
- पुनर्चक्रण: एल्युमिनियम को आसानी से पुनर्चक्रित किया जा सकता है और इससे उपकरणों और सामग्रियों की अधिक मात्रा में पुनर्चक्रित किए जा सकते हैं, जिससे नापाए गए संसाधनों का उपयोग कम होता है और पर्यावरण को भी लाभ होता है।
- आपूर्ति की स्थिति: एल्युमिनियम का सर्वोत्तम रूप से पुनर्चक्रण किया जा सकता है और इसका समाप्त होने का खतरा कम है, जिससे इसका स्थायिता और उपलब्धता बनी रहती है।
- विद्युतीय चुम्बकीय सुस्तता: एल्युमिनियम एक अच्छा विद्युतीय चुम्बकीय सुस्तता धातु है, जिससे इसे विभिन्न विद्युतीय उपकरणों में उपयोग करना संभव है।
- आर्थिक उपयोगिता: एल्युमिनियम का सस्ता और उपलब्ध मात्रा में होना उद्योगों के लिए आर्थिक रूप से उपयोगी है, क्योंकि इससे विभिन्न उत्पादों की निर्माण में लागत कम होती है।
- अभिवृद्धि में योगदान: एल्युमिनियम उद्योगों के लिए अभिवृद्धि में भी योगदान करता है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ते हैं और विभिन्न उद्योगों में विकास होता है।
एल्युमीनियम के नुकसान
एल्युमीनियम के उपयोग से जुड़े कुछ नुकसान हो सकते हैं, जो निम्नलिखित हैं:
- उत्पादन प्रक्रिया का प्रभाव: एल्युमिनियम का प्राप्त करने की प्रक्रिया ऊर्जा और उपाधि में अधिक खपत कर सकती है, जो प्रदूषण और ऊर्जा संकट का कारण बन सकता है।
- स्वास्थ्य प्रभाव: एक्स्ट्रैक्शन प्रक्रिया में कुछ विषैले यौगिकों का उत्पन्न होना संभावना है, जो केवल संशोधन प्रक्रिया के माध्यम से ही निकाले जा सकते हैं। इसलिए, इससे पैदा होने वाले प्रदूषण का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है।
- कचरे में बढ़त: अनुपयोगी एल्युमीनियम उत्पादों का अधिक से अधिक उत्पन्न होना और उनकी अन्यायिक उपयोगिता के कारण कचरे में बढ़त का सामना किया जा सकता है।
- प्रकृति संरक्षण पर प्रभाव: एल्युमीनियम उत्पादों के उत्पन्न करने में खपत होने के कारण खनिज संसाधनों की अत्यधिक खपत हो सकती है, जिससे प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक उपयोग हो सकता है।
- सामाजिक प्रभाव: एल्युमीनियम के उत्पादों की उच्च खपत के कारण इसकी उत्पत्ति के स्थानों पर सामाजिक प्रभाव हो सकता है, जैसे कि समुद्री स्थलों पर होने वाले खनन के लिए।
इन नुकसानों के बावजूद, उच्च पुनर्चक्रण की संभावना, तेजी से पुनर्चक्रित होने वाले उत्पादों का उपयोग, और बेहतर समुद्री खनन तकनीकियों की विकास से एल्युमीनियम का प्रबंधन और उपयोग सुधारा जा रहा है।
एल्युमिनियम क्या है? What is Aluminum in Hindi
एल्युमिनियम एक धातु है जो पृथ्वी की तत्काल पर्यावरण में प्राकृतिक रूप से मिलता है। यह तत्काल पर्यावरण में आम तौर पर आकार में पाया जाता है, लेकिन यह अधिकांश अपर्यावरणीय रूप से एल्युमिनियम ऑक्साइड (बॉक्साइट) के रूप में मिलता है।
एल्युमिनियम एक सोने-चमकीले, हल्के, और धातुत्व से युक्त धातु है। यह एक अच्छा चुम्बकीय सामरिक है और एक अच्छा अवैद्यूतीय चुम्बकीय नली भी है। इसका रासायनिक प्रतीक Al है।
एल्युमिनियम का उपयोग विभिन्न उद्योगों में होता है, जैसे कि विमानन, ऑटोमोटिव, निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स, अभिन्न उपकरण, खाद्य पैकेजिंग, चिकित्सा, और औद्योगिक उत्पादों में। एल्युमिनियम की हल्कापन और ताकत के कारण, यह विभिन्न उद्योगों में लाभकारी है और एक महत्वपूर्ण और उपयोगी धातु मानी जाती है।
एल्युमिनियम का इतिहास क्या है?
एल्युमिनियम का इतिहास दूरसे आरम्भ होता है और इसका उपयोग विभिन्न सभाओं में हुआ है। यहां एल्युमिनियम के इतिहास के कुछ मुख्य पहलुओं की चर्चा की जा रही है:
- एंटवॉइन लावॉयसिये (1821-1887): एंटवॉइन लावॉयसिये ने पहली बार एल्युमिनियम को 1821 में अलुमीनियम क्लॉराइड (AlCl₃) के रूप में आबद्ध किया था।
- फ्रेड्रिक ओस्कर उोस्कर्सन (1848-1929): स्वीडिश वैज्ञानिक फ्रेड्रिक ओस्कर्सन ने 1886 में बॉक्साइट (एल्युमिनियम ऑक्साइड) को विद्युत विघटन का उपयोग करके विद्युतीय रूप से अलुमिनियम प्राप्त किया।
- पॉल हेरूल्ट (1863-1914) और षार्ल नॉर्मन (1851-1919): इस प्रक्रिया को स्वीडेन के वैज्ञानिक पॉल हेरूल्ट और फ्रांसीसी इंजीनियर षार्ल नॉर्मन ने साझा किया। इस प्रकार, एल्युमिनियम की विद्युतीय निर्माण प्रक्रिया विकसित हुई जिसका नाम है हैरूल्ट-नॉर्मन प्रक्रिया।
- औद्योगिक उपयोग: एल्युमिनियम का व्यापारिक उत्पादन शुरू होने के बाद, इसका उपयोग विभिन्न उद्योगों में बढ़ता चला गया, जैसे कि विमानन, ऑटोमोटिव, निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य पैकेजिंग, और चिकित्सा।
- सुविधाएं और अभिवृद्धि: 20वीं सदी में और भी नई प्रक्रियाएं और सुधारणाएं की गईं जिससे एल्युमिनियम के उत्पादन को और भी सुविधाजनक बनाया गया।
यह थी कुछ मुख्य घटक एल्युमिनियम के इतिहास की। आजकल, एल्युमिनियम एक महत्वपूर्ण और उपयोगी धातु है जो विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक रूप से उपयोग होती है।
एल्यूमीनियम के रासायनिक गुण क्या होते हैं?
Aluminum in Hindi के रासायनिक गुणों में कुछ मुख्य हैं जो इसे एक महत्वपूर्ण धातु बनाते हैं।
- पारिस्थितिक स्थिरता (Chemical Stability): एल्युमिनियम एक धातु है जिसका विर्लंबयुक्त आवर्त सिरों का ज्ञात होता है, जिससे यह प्रदूषण, वायरलेंट या गैसों के साथ रिएक्ट नहीं करता है। यह एक अच्छा कोरोजन प्रतिरोधी धातु है।
- उच्च तापमानीय स्थिति (High Melting Point): एल्युमिनियम का तापमानीय स्थिति 660.32 डिग्री सेल्सियस है, जिससे यह उच्च तापमानों में भी स्थिर रहता है।
- अच्छी अवैद्यूतीय चुम्बकीय सुस्तता (Good Electrical Conductivity): एल्युमिनियम एक अच्छा चुम्बकीय सामरिक है, जिससे इसे विद्युतीय उपकरणों में उपयोग करना संभव है।
- लोहा से हल्का और ताकती (Lightweight and Strong): एल्युमिनियम एक हल्का धातु है जो ताकती भी होता है, इसके कारण इसका उपयोग विमानन, ऑटोमोटिव, निर्माण, और अन्य उद्योगों में होता है।
- उच्च पुनर्चक्रणीयता (High Recyclability): एल्युमिनियम को आसानी से पुनर्चक्रित किया जा सकता है, और इसमें पुनर्चक्रण की गई शक्ति में कमी होती है। इससे प्रदूषण कम होता है और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कम होता है।
इन रासायनिक गुणों के कारण, एल्युमिनियम को विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग में लाया जाता है और यह एक उपयोगी और आवश्यक धातु मानी जाती है।
निष्कर्ष
एल्युमिनियम एक महत्वपूर्ण धातु है जो पृथ्वी पर व्यापक रूप से पाई जाती है। यह धातु हल्की, ताकती, चमकीली, और अच्छी अवैद्यूतीय चुम्बकीय सुस्तता के साथ प्रकृति में पायी जाती है। इसका उपयोग विभिन्न उद्योगों में होता है, जैसे कि विमानन, ऑटोमोटिव, निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य पैकेजिंग, चिकित्सा, और अन्य उत्पादों में। इसकी रासायनिक गुण, उच्च पुनर्चक्रणीयता, और तकनीकी सुधारों के कारण यह एक आधुनिक समय की आवश्यक धातु है जो अनेक क्षेत्रों में उपयोग हो रही है।